ई-रुपी (E-RUPI) क्या है? इसे उपयोग कैसे करें ?

 

इ रुपी (E-RUPI) क्या है? फुल फॉर्म और इसका उपयोग कैसे करें?

ई-रुपी क्या है? (What is e-RUPI?)

ई रुपी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा स्वीकृत एक प्रीपेड इ-वाउचर है जिसे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने वित्तीय सेवा विभाग बैंकों के सहयोग से विकसित किया है

यह एक Person Specific और Purpose Specific इंस्ट्रूमेंट है जो UPI के सिद्धांत (Architecture) पर कार्य करता है  



ई-रुपी वाउचर क्या है? (What is e-RUPI voucher?)

ई-रुपी वाउचर एक प्रकार का QR कोड या SMS स्ट्रिंग आधारित एक इ-वाउचर है जिसे लाभार्थी के मोबाइल पर भेजा जाता है इस कोड के माध्यम से सेवा प्रदाता (Service Provider) के बैंक एकाउंट में डायरेक्ट फंड ट्रांसफर किया जाता है

ई रुपी की कार्यप्रणाली को वो लोग जल्दी समझ सकतें हैं जो अमेजान गिफ्ट कार्ड का पहले से ही प्रयोग कर रहे हैं क्योंकि इ-रुपी और अमेजान गिफ्ट कार्ड की कार्यप्रक्रियाओं में कई समानताएं है


यह भी पढ़ेंयदि आप भारतीय लोक सेवा परीक्षा (UPSC IAS) की तैयारी कर बड़े अधिकारी बनना चाहते हैं तो सबसे पहले इन किताबों को पढ़िए।


ई-रुपी का फुल फॉर्म - Full form of e RUPI

चूंकि ई रुपी (e RUPI) एक इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट इंस्ट्रूमेंट है और यह UPI के इन्फ्रसटक्चर पर कार्य करता है अतः इ रुपी का फुलफार्म - इलेक्ट्रॉनिक रिवोल्यूशनरी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस है 


Since E RUPI is an electronic payment instrument and is based on the UPI infrastructure, the full form of e-RUPI is - Electronic Revolutionary Unified Payment Interface.



ई-रुपी कैसे काम करता है? (How does e - RUPI work?)

ई रुपी या इ वाउचर एक विशिष्ठ सेवा के भुगतान के लिए लाभार्थी को जारी किया जाता है, उदाहरण के लिए जैसे - 

  • छात्रों की किताब या यूनिफार्म खरीदने के लिए सरकार द्वारा भुगतान
  • सब्सीडाइज खाद के लिए कृषक बंधुओं को भुगतान
  • गर्भवती महिलाओं के लिए पोषक आहार की खरीददारी हेतु भुगतान इत्यादि। 

जिस लाभार्थी को इ रुपी (e RUPI) या इ वाउचर मिला है वह "सेवा प्रदाता केंद्र" जैसे - हॉस्पिटल, मेडिकल स्टोर इत्यादि पर जाकर इ रुपी के माध्यम से सेवा प्रदाता (Service Provider) को भुगतान कर सकता है

भुगतान करने के लिए लाभार्थी को अपना QR कोड दिखाना होगा। सेवा प्रदाता (Service Provider) वाउचर के रूप में मिले QR कोड या SMS को स्कैन करेंगें, इस कोड को स्कैन करते ही लाभार्थी के मोबाइल पर एक वेरिफिकेशन कोड (OTP की तरह) प्राप्त होगा

पेमेंट को वैलिडेट करने के लिए लाभार्थी को यह वेरिफिकेशन कोड सेवा प्रदाता को देना होगा




सफलतापूर्वक वेरिफिकेशन हो जाने पर सेवा प्रदाता को तुरंत भुगतान हो जायेगा। इस प्रकार इ - रुपी/इ वाउचर के माध्यम से उसके खाते में यह राशि भी ट्रांसफर हो जाएगी और इसकी पुष्टि का सन्देश दोनों के मोबाइल स्क्रीन पर दिखेगा


इ रुपी (E-RUPI) क्या है E-rupi verification code, full form फुल फॉर्म


ई रुपी का इतिहास (History of e-RUPI)

अगर देखा जाये तो इ रुपी (E-RUPI) का एतिहासिक शुभारंभ अगस्त 2014 में ही UPI के रूप में हो गया था, यह भारत सरकार के "डिजिटल इंडिया" का महत्वपूर्ण पड़ाव था, इसी वर्ष (2014) में केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल में डिजिटल इंडिया को मंजूरी मिली थी


इसका मुख्य उद्देश्य भारत को "डिजिटली इम्पावर्ड सोसाइटी" और "नॉलेज इकॉनमी" में ट्रांसफॉर्म करना है।

इसके मुख्य आयामों में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर as a utility to Citizens, Software & Services and Demand और डिजिटल इम्पवार्मेंट ऑफ़ सिटिज़न्स शामिल है।




इ रुपी के परिपेक्ष्य में डिजिटल इंडिया

डिजिटल इंडिया के अंतर्गत देश में 129 करोंड़ लोगों का आधार बनाया गया। भारत में 120 करोड़ मोबाइल कनेक्शन है लगभग 78 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं।



ई रुपी की आवश्यकता (Need of e-RUPI)

पेमेंट सिस्टम को ज्यादा मजबूत और पारदर्शी बनाने के लिए नई टेक्नोलजी का विकाश हमेशा से ही आवश्यक रहा है।

रिसर्च में ऐसा पाया गया है कि कई बार सरकार किसी उद्देश्य के लिए लाभार्थी को राशि स्थानांतरित करती है लेकिन इस बात पर कोई नियंत्रण नही होता कि राशि का उपयोग व्यक्ति द्वारा उसी कार्य के  लिए किया जा रहा है जिसके लिए अमाउंट ट्रांसफर किया गया था या वह किसी अन्य कार्य में यह पैसा खर्च कर रहा है। 


उदाहरण के लिए - प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु कई लाभार्थियों को राशि वितरित की गई लेकिन बड़े पैमाने पर यह पाया गया कि लाभार्थियों ने घर बनाने की बजाए इस पैसे को अन्य कार्यों में खर्च कर दिया। इ रुपी के आने के बाद सरकार अब इस बात पर नियंत्रण रख सकेगी कि यदि PM आवास का पैसा घर बनाने के लिए दिया गया है तो लाभार्थी उस राशि का इस्तेमाल घर बनने में उपयोगी सामग्री को खरीदने में ही कर पाए।



ई रुपी के फ़ायदे (Benefits of e RUPI)

इ रुपी (e RUPI) एक इलेक्ट्रोनिक पेमेंट इंस्ट्रूमेंट होने के कारण यह रिअल टाइम और पेपर लेस है, इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं - 

  • यह सेवाओं की टार्गेटेड और लीक प्रूफ डिलिवरी तय करता है।
  • यह वितरण प्रणाली का सरलीकरण करता है
  • सेवा प्रदान तंत्र में न्यूनतम प्रशासनिक लगत को तय करता है 


इस प्रकार यदि इ रुपी को प्रभावी रूप से लागू किया गया तो, यह सरकारी योजनायों का लाभ जन-सामान्य तक पहचानें में एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है।

इ रुपी का उपयोग, लोक कल्याण हेतु सरकार द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न योजनायें जिसके तहत निश्चित उद्देश्य की पूर्ति के लिए भुगतान या अनुदान दिया जाता है, को सुगमता पूर्वक लागू करने के लिए किया जा सकता है।


यह भी पढ़े❗ सावधान! यात्रा करने से पहले वाहन में देख ले स्टीकर वर्ना हो सकता है बड़ा हादसा।



ई रुपी के नुकसान / चुनौतियाँ (Challenges in E - RUPI)

हालाँकि इ रुपी (e RUPI) कई पैमानों पर खरा उतरता है किन्तु इसके वावजूद भी इसमें कुछ चुनौतियाँ शामिल है - 

  • यदि डाटा का सदुपयोग नही हो पाया तो लोगों की गोपनीयता भंग होने का खतरा है
  • भारतीय कानून का ढांचा केवल फिजिकल करेंसी के लिए अनुकूल है, अतः डिजिटल करेंसी के रेगुलेशन से सबंधित भारत में पर्याप्त नियम नहीं है।
  • इरुपी के आ जाने के बाद फ्रॉड रोकने के लिए "फ्रॉड प्रिवेंशन" से सम्बंधित देश में नए विधेयक बनाने की आवश्यकता है
  • भारत में भले ही जनसँख्या ज्यादा है किन्तु डिजिटल लिटरेसी के मामले में भारत अभी भी काफी पीछे है, नेशनल सेम्पल सर्वे डाटा के अनुशार भारत के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के क्रमशः 6% और 25% घरों में कम्यूटर है इसके अलावा इंटरनेट की उपलब्धता भी हर जगह सामान्य नही है, शहरों में 42% और गांवों में केवल 17% ही इंटरनेट की उपलब्धता अभी सीमित है ऐसे में इ रुपी का लाभ सभी को पहुंचा पाना मुश्किल होगा।  




ई रुपी की विशेषताएं (Characteristics of e RUPI)

ई रुपी का उपयोग निजी संगठनों या किसी व्यक्ति द्वारा लोगों को किसी विशेष प्रयोजन के तहत लाभ देने हेतु किया जा सकता है, इ रुपी की प्रमुख विशेषताओं में से -


  • यह कैश लेस और कांटेक्टलेस है
  • इसका उपयोग सिर्फ एक बार ही किया जा सकता है
  • यह सुरक्षित और विश्वसनीय है
  • गोपनीय और फ़ास्ट है


इ रूपी (E-RUPI) क्या है? इसे उपयोग कैसे करें ?



ई रुपी / ई रुपी वाउचर कौन ले सकता है?

इसे सरकारी संस्थाएं, प्राइवेट कार्पोरेट का कोई भी सेवा प्रायोजक (Service Provider) अपने पार्टनर बैंक की मदद से ई रुपी वाउचर जेनरेट / प्राप्त कर सकता है। इ रुपी वाउचर जेनेरेट करते समय सेवा प्रदाता को निम्नलिखित जानकारियां बैंक को देनी होंगी -

  • लाभार्थी का नाम
  • Contact नंबर
  • धनराशि
  • वाउचर का प्रयोजन



ई-रुपी किन-किन क्षेत्रों में लागू है

e RUPI रिअल टाइम और पेपरलेस होने का कारण इसका उपयोग व्यापक है लेकिन अभी कुछ सीमित क्षेत्रों तक ही इसका प्रयोग प्रचलित है - 


इ रुपी वाउचर का इस्तेमाल कोविड टीके के भुगतान (Covid Vaccine Fees) हेतु भी किया जा सकता है। 


E rupi voucher for covid vaccination fees



ई - रुपी का भविष्य (e RUPI - way forward)

भारत में UPI पर हर महीने लगभग 30 करोंड ट्रांसेक्सन होते हैं जिनका औसत अमाउंट 6 लाख करोंड के आसपास है।

चूँकि इ रुपी भी UPI के आर्किटेक्चर पर कार्य करता है अतः यह भी विश्वसनीय, तेज और अंतर-संचालित है। यह 3-सी के सिधांत पर कार्य करता है इसलिए सरकारी योजनायों के सर्विस डिलीवरी में यह काफी कारगर साबित हो सकता है

ई रुपी में 3-सी का क्या मतलब है -  


  1. कॉस्ट (Cost)
  2. Convenience
  3. Confidence